How To Become A Psychologist In India – Hindhi – Ividesh.com

How To Become A Psychologist In India – समाज में बढ़ रहे अपराधों का मुख्य कारण व्यक्तिगत एवं व्यक्तित्व से संबंधित समस्याएं होती हैं इस तरह के मामलों में एक मनोवैज्ञानिक अथवा मनोचिकित्सक की भूमिका विशेष हो जाती है इसके अलावा मनोविज्ञान क्षेत्र में अनेक विषयों से संबंधित ज्ञान की प्राप्तियां की जा सकती हैं इन क्षेत्रों में बाल कल्याण एवं बाल स्वास्थ्य, घरेलू हिंसा, परामर्श सेवाएं, महिला एवं परिवार कल्याण सेवाएं, शारीरिक एवं मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए किए जाने वाले कार्य मुख्य माने जाते हैं ।

  • Child Welfare and Child Health
  • Domestic Violence
  • Counseling Service
  • Women and Family Welfare Services
  • Physically and mentally challenged person.

 

नमस्कार, हमारे इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है। आज इस ब्लॉग में हम आपको बताने वाले हैं। मनोवैज्ञानिक कैसे बने। How To Become A Psychologist In India

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Table of Contents:

  1. What is the need for a psychologist? मनोैज्ञानिक जरुरत क्यू हैं?
  2. Educational Qualification
  3. Main Course
  4. Practical Training
  5. Quality Of Psychologist
  6. Where Job
  7. Important are the four sides of memory
  8. Guardians Roll
  9. Join Professional Associations
  10. Consider Further Specialization or Research Opportunities
  11. From here course

What is the need for a phychologist? मनोैज्ञानिक जरुरत क्यू हैं?

मनोवैज्ञानिक की जरूरत क्यों है मनोवैज्ञानिक का प्रमुख कार्य रोगों का पता लगाना और उसका उपचार करना है महानगरीय जीवन पर दिनों दिन अधिक अधिक पड़ रहे दबाव एवं बढ़ते तनाव के कारण क्लीनिकल मनोवैज्ञानिकों की मांग कई गुना बढ़ गई है एक अरब से अधिक आबादी वाले देश में इस करियर की संभावनाओं में नियंत्रित रूप से पर्याप्त वृद्धि हुई है जबकि इस देश में क्लीनिकल मनोवैज्ञानिकों की संख्या आवश्यकता से कहीं काम है।

Educational Qualification: how to become a psychologist after 12th science, मनोविज्ञान को 12वीं से ही एक सब्जेक्ट के रूप में पढ़ा जा सकता है विश्वविद्यालय स्तर पर आप मनोविज्ञान में स्नातक, स्नातक उत्तर, एमफिल, पीएचडी (Graduate, Postgraduate, Mphil, PhD.) कर सकते हैं कुछ विश्वविद्यालय में स्नातक उत्तर स्तर पर इस विषय में विशेष पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं अनेक संस्थाओं में बाल मार्गदर्शन और परामर्श सेवा में एक वर्ष का डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाया जाता है इसमें प्रवेश के लिए कुछ संस्थान प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं कुछ संस्थान मेरिट के आधार पर प्रवेश देते हैं।

Main Course: प्रमुख कोर्स बा और बीएससी साइकोलॉजी पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन चाइल्ड साइकोलॉजी केयर एंड मैनेजमेंट मां और एमएससी साइकोलॉजी रिहैबिलिटेशन साइकोलॉजी पीएचडी साइकोलॉजी एंड क्लिनिकल, how to become a psychologist after graduation

  • B.A amd B.SC psychology
  • Post graduate diploma in child
  • Psychology care and management
  • M.A and M.SC psychology
  • M.phil psychology M.phil rehabilitation psychology
  • PhD psychology and clinical psychology

 

Practical Training: साइकोलॉजीप्रशिक्षण क्लीनिकल मनोविज्ञान में स्नातक को स्तर पर कम से कम तीन माह का व्यवहार प्रशिक्षण अनिवार्य है इसमें प्रशिक्षों को विकास एवं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े किसी केंद्र में नियुक्त किया जा सकता है इसके पश्चात अस्पताल के मनोचिक विभाग में भी कार्य किया जा सकता है केंद्रीय मनोविज्ञान संस्थान रांची जामिया मिलिया इस्लामिया तथा दिल्ली विश्वविद्यालय देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार में क्लीनिकल मनोविज्ञान के पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं

Quality Of Psychologist: How To Become A Psychologist In India, मनोवैज्ञानिक के गुण मनोविज्ञान के क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति को धैर्यवान मिलनसार होना चाहिए इन सब गुना के द्वारा ही कोई सफल मनोविश्लेषण बन सकता है इन्हीं गुना के आधार पर वह अवसाद या तनाव से घिरे व्यक्तियों की दिक्कतों को समझ पाएगा और उसका उपचार कर पाएगा इसके अतरिक मनोवैज्ञानिक सामने वाले व्यक्ति की बात और परेशानी समझने और अपनी बात उसे समझाने की क्षमता होनी चाहिए

Where Job: हॉस्पिटल काउंसलिंग क्षेत्र स्कूल सुधर गए नशा मुक्ति केंद्र परिवार परामर्श केंद्र इंडस्टरीज इन एचआर डिपार्टमेंट गैर सरकारी संगठन वूमेन एंड सेल्फ डेवलपमेंट -6 स्वास्थ्य केंद्र मेंटल हेल्थ सेंटर क्लीनिकल स्पेशल एजुकेशन आदि में अपार संभावनाएं हैं इसके अलावा औद्योगिक तथा खेल मनोविज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी अवसर बड़े हैं हालांकि यह दोनों शाखाएं अभी भी भारत में प्रारंभिक या मूल अवस्था में है

  • Hospital
  • Counseling Areas
  • Schools, Reforms Homes
  • Addiction Centers
  • Family Counseling Centers
  • Industries in HR Department
  • NGO
  • Women and Cell Development
  • Mental Health Center
  • Mental Health Center
  • Clinical
  • Special Education

 

Important are the four sides of memory: महत्वपूर्ण स्मृति के चार पक्ष जीवन में व्यक्ति को कई पड़ावों से गुजरना पड़ता है एक बड़ा होता है स्टूडेंट लाइफ जिसमें एक स्टेज के बाद करियर के फिक्र होती है यह दौर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का होता है ऐसे समय स्टूडेंट यदि स्मृति के चारों पक्ष को समझ ले तो उन्हें भूलने की प्रवृत्ति दूर होगी और सिस्टमैटिक स्टडी कर सकेगा रीडिंग करते समय स्टूडेंट क्लास नोट्स और महत्वपूर्ण चैप्टर का अध्ययन करें चैप्टर का अध्ययन करें। इसके बाद वह रिटेंशन पर ध्यान दें फिर उसे रिकॉल करें दोबारा पढ़ने के बाद रिकॉग्निशन करें

Guardians Roll: ऐसे बच्चे से उलझाओ प्रश्न ना करें केवल ऐसे प्रश्न करें जो सरल हो जिसका उत्तर आसानी से दे सके हरदम उत्साहित करते रहे ऐसा करने से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा अभिभावक बच्चों से अंडरस्टैंडिंग बनाने के साथ उसकी समस्याएं समझे बच्चों के लिए जरूरी है। पैनिक न हो शांति चिक होकर परीक्षा कि तैयारी करें। सिलेबस पर मजबूत पकड़ बनाने के साथ वैज्ञानिक ढंग से कमजोर पक्ष पहचाने और उसे दूर करें जो पक्ष कमजोर हो बिना जीजक के परामर्श ले how to become a psychologist doctor डॉक्टर आर आर मिश्रा चिकित्सक मनोवैज्ञानिक

 

Counselor and Stage: मानवीय जीवन में कुछ स्टेज आते हैं जहां काउंसलर के मार्गदर्शन कि जरुरत होती हैं बाल्यावस्था स्कूल स्तर पर कमजोर बच्चों में व्यक्तित्व विकार होता है जिसे काउंसलर की मदद से दूर किया जा सकता है इसके अलावा बाल अपराध पर अंकुश के लिए मनोवैज्ञानिक प्रयास किया जा सकते हैं युवावस्था युवाओं की क्षमताओं का विकास मनोविज्ञान के माध्यम से संभव है युवाओं में बेरोजगारी व आवश्यकताओं की पूर्ति न होने पर उनमें असंतोष रहता है जिसका निदान मनोविज्ञान के उपयोग से संभव है वृद्धावस्था वृद्धावस्था में प्रेम और सहयोग की जरूरत होती है यह न मिलने पर उनमें एंजायटी टेंशन डिप्रेशन हाइपरटेंशन जैसी समस्याएं हो जाती हैं जिनके समाधान में काउंसलिंग मदद करता है

 

(Join Professional Associations) व्यावसायिक संघों से जुड़ें: How To Become A Psychologist In Indiam, इंडियन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन (आईपीए) या नेशनल एकेडमी ऑफ साइकोलॉजी (एनएओपी) जैसे पेशेवर संघों में शामिल होने से नेटवर्किंग के अवसर, संसाधनों तक पहुंच और साथी मनोवैज्ञानिकों के बीच समुदाय की भावना मिल सकती है।

 

आगे की विशेषज्ञता या अनुसंधान के अवसरों पर विचार करें (Consider Further Specialization or Research Opportunities): यदि आप अपने करियर को और आगे बढ़ाने की इच्छा रखते हैं, तो विशेषज्ञता या शोध के अवसर तलाशें। इसमें पोस्टडॉक्टोरल अध्ययन करना या अत्याधुनिक अनुसंधान परियोजनाओं में शामिल होना शामिल हो सकता है।

From here course:

  • Delhi University Delhi
  • Indira Gandhi National Open University (IGNOU)
  • Banaras Hindu University
  • Varanasi Allahabad University
  • Allahabad CSJM University
  • Kanpur Kumaun University Nainital
  • Uttarakhand Punjab University Chandigarh
  • Patna University, Patna

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