Share Kaise Kharide और पैसे कैसे कमाए!

Share Kaise Kharide, मुझे वह गाना याद है, जिसमें ये लाइनें हैं, “मुझे मिल जाए थोड़ा पैसा, ऐसा वैसा चाहे जैसा, मगर कैसा?” इस सवाल में हर किसी का अपना मतलब हो सकता है, लेकिन किसी ने यहां इसका जवाब दिया है और उसने शेयर किया कि यह एक छोटा सा वर्ल्ड है।

अगर आपने इसकी जानकारी पूरी नहीं की है, तो यह डेंजरस हो सकता है। किसी ने एक सवाल पूछा है और इसका जवाब आपके पास होना चाहिए। अगर आपको इस बारे में कुछ नहीं पता है, तो आपको इसे समझने के लिए अधिक जानकारी हासिल करनी चाहिए।

नमस्कार दोस्तों! आज के इस ब्लॉग में हम शेयर के बारे में सभी जानकारी प्राप्त करेंगे। हम सभी रोज़रात मेहनत करके पैसा कमाते हैं ताकि हम अपने जीवन को बेहतर बना सकें, लेकिन बचत की बात आती है तो कमाए हुए पैसों को बचाना कठिन हो सकता है। सेविंग्स करना बहुत जरूरी है, लेकिन यह भी सच है कि इसमें कभी-कभी मुश्किलें आ सकती हैं।

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मनी सेव करने के लिए कई विकल्प हैं, लेकिन एक रोमांटिक और प्रभावी तरीका है शेयर्स खरीदना। यह न केवल आपके पैसे को सुरक्षित रखता है, बल्कि उन्हें बढ़ावा भी मिलता है। इसलिए, शेयर्स खरीदने के संबंध में सभी जानकारी को समझना बहुत महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉग में, हम आपको शेयर्स क्या होते हैं, उन्हें कैसे खरीदा जाए, और शेयर्स खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस सभी को लेकर पूरी जानकारी प्रदान करेंगे। ताकि आप सिर्फ मुनाफा ही मुनाफा पा सकें।

 

शेयर क्या होते हैं और शेयर मार्केट क्या होता है?

बिलकुल, शुरू करते हैं! सबसे पहले हम जानेंगे कि शेयर्स क्या होते हैं और शेयर मार्केट क्या होता है। “शेयर” को स्टॉक और इक्विटी के रूप में भी जाना जाता है। शेयर का अर्थ है किसी कंपनी में हिस्सा रखना, यानी जब आपके पास किसी कंपनी के शेयर्स होते हैं, तो आप उस कंपनी के इतने हिस्सेदार बन जाते हैं, जितने शेयर्स आपके पास होते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आप किसी कंपनी के शेयरहोल्डर बन जाते हैं।

जब आप किसी कंपनी के शेयर्स खरीदते हैं, तो आपको वह सभी अधिकार मिलते हैं जो शेयर होल्डर को होते हैं। आप अपने हिस्से को शेयर बाजार में खरीदने के साथ-साथ बेच भी सकते हैं।

 

शेयर मार्केट क्या होता है?

बिल्कुल, आइए अब जानते हैं कि Share Market क्या होता है। मार्केट का नाम सुनते ही हमें लगता है कि यह कोई बड़ा बाजार होगा जिसमें बहुत सारी दुकानें होंगी, लेकिन शेयर मार्केट इस तस्वीर से बिल्कुल भिन्न है। शेयर मार्केट में शेयर्स की खरीददारी और बिक्री पूरी तरह से कंप्यूटर पर की जाती है। इसके लिए, ब्रोकर्स स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते हैं और स्टॉक एक्सचेंज में व्यापार करने का अधिकार उन्हें होता है। ग्राहक सीधे शेयर खरीदने या बेचने का काम नहीं कर सकते, बल्कि इसे ब्रोकर की सहायता से करना पड़ता है।

शेयर्स को खरीदने और बेचने का काम स्टॉक मार्केट में होता है, और इंडिया में यह काम दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर होता है – बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज)। दुनियाभर में ऐसे कई बड़े स्टॉक एक्सचेंज होते हैं और भारत में फ्रॉम्ट 25 स्टॉक एक्सचेंज्स हैं। ये सभी कंपनियां इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो सकती हैं या दोनों स्टॉक एक्सचेंज्स में से किसी एक पर।

इस जानकारी के बाद, आपको यह समझ में आ गया होगा कि शेयर्स खरीदना इतना मुश्किल काम नहीं है, बल्कि यह एक दिलचस्प और लाभकारी काम है।

 

शेयर कैसे खरीदे जाए

पैन कार्ड होना चाहिए:-

शेयर खरीदने की प्रक्रिया में आपको फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता होगी, इसलिए सबसे पहले अपना पैन कार्ड तैयार रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

ब्रोकर का चयन:- 

आपने सही कहा है कि शेयर खरीदने और बेचने का काम हम डायरेक्ट नहीं कर सकते, बल्कि इसके लिए ब्रोकर की मदद की जरूरत होती है। ब्रोकर एक व्यक्ति या कंपनी हो सकती है, जिससे हम शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर सकते हैं। सेबी (सेक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) द्वारा मान्यता प्राप्त करने वाले ब्रोकर्स से ही शेयर खरीद-बिक्री की जा सकती है।

ब्रोकर का चयन करते समय, बहुत से ब्रोकरेज फॉर्म और योजनाएं उपलब्ध होती हैं, जिनकी फीस भिन्न-भिन्न हो सकती है। इसमें कुछ ब्रोकरेज प्लांट रेट पर चार्ज करते हैं, जबकि कुछ का चार्ज प्रतिशत से होता है, जो आमतौर पर 0.01% से 0.05% तक हो सकता है।

इसलिए, ब्रोकर का चयन समझदारी से किया जाना चाहिए, और उसकी फीस और योजनाओं को ध्यान से देखा जाना चाहिए।

 

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट बनाना:- 

ब्रोकर का चयन करने के बाद, आपको Demat and Trading Account की आवश्यकता होती है, ताकि आप शेयर्स को खरीद और बेच सकें। डेमेट अकाउंट से आपके शेयर्स इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रहते हैं, और ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए आप शेयर्स खरीदने और बेचने में सक्षम होते हैं।

भारत में, सेबी की मार्गदर्शिका के अनुसार, डेमेट सर्विसेज की प्रदान करने वाली दो प्रमुख संस्थाएं हैं – NSDL (National Security Depository Limited) और Cdsl (Central Depository Services Limited)। इन दोनों संस्थाओं को डिपॉजिट फीस कहा जाता है।

इन दोनों अकाउंट्स को खोलने के लिए, आपको अपने ब्रोकर या ब्रोकरेज फॉर्म के पास जाकर आवश्यक प्रक्रिया का पालन करना होगा, जहां आपके दोनों अकाउंट्स आसानी से खोले जाएंगे।

 

शेयर खरीदना:-

शेयर खरीदना का मतलब है कि आपने ब्रोकर का चयन कर लिया है, और आपके पास PAN Card, Demat Account, and Trading Account भी हैं। अब, जब बात आती है शेयर खरीदने की, आप दो तरीकों से आर्डर दे सकते हैं – मार्केट रेट पर और लिमिटेड रेट पर।

  • मार्केट रेट:
    1. मार्केट रेट का मतलब है जिस रेट पर शेयर बाजार में शेयर ट्रेड हो रहा है, उसी रेट पर खरीददारी करना। इसमें कोई लिमिट नहीं होती, और आप शेयर्स को तुरंत मार्केट प्राइस पर खरीद सकते हैं।
  • लिमिटेड रेट:
    1. लिमिटेड रेट का मतलब है कि आप एक निर्दिष्ट रेट की लिमिट बता सकते हैं, और जब शेयर का मूल्य उस लिमिट तक पहुंचता है, तब ही आपका ब्रोकर आपके लिए खरीदारी करेगा। इससे यह होता है कि आप शेयर्स को उच्च रेट पर नहीं खरीदना चाहते हैं, और आपकी लिमिट तक ही खरीदारी होगी।

 

डिविडेंड मिलना:-

तो, यह होता है कि डिविडेंड मिलना मतलब उस लाभांश का हिस्सा जो शेयर होल्डर को कंपनी द्वारा प्रदान किया जाता है। इसमें शामिल होते हैं वह शेयर्स जो शेयर होल्डर ने कंपनी से खरीदे हैं। डिविडेंड एक प्रकार का प्रॉफिट है जो उन शेयरों पर मिलता है जो शेयर होल्डर ने खरीदे हैं। यह डिविडेंड कैश या स्टॉक के रूप में हो सकता है।

शेयर होल्डर को अपने शेयरों पर डिविडेंड प्राप्त करने का अधिकार होता है, और यह डिविडेंड कैश या स्टॉक के रूप में हो सकता है। अगर डिविडेंड कैश फॉर्म में है, तो यह सीधे आपके बैंक अकाउंट में जमा किया जाएगा।

शेयर खरीदने की इस आसान प्रक्रिया को समझने के लिए,

शेयर बेचने के बारे में भी थोड़ी जानकारी लेते हैं 

तो, अगर आप शेयर बेचना चाहते हैं, तो जो शेयर आप देखना चाहते हैं, वह आपके डिमैट अकाउंट में होना चाहिए। इसके बाद, जैसे ही आप ब्रोकर की मदद से शेयर भेजेंगे, वह शेयर आपके डिमैट अकाउंट से हट जाएंगे और लगभग तीन दिनों में बेचे गए शेयर का राशि आपके अकाउंट में पहुंच जाएगा। इस राशि में से ब्रोकर का हिस्सा कट कर आपके पास आएगा। शेयर बेचने का राशि यह निर्भर करेगा कि शेयर की क्रांति कितने दिनों में होगी।

तो लिए, अब यह जानते हैं कि शुरुआत में किन कंपनियों के शेयर खरीदने चाहिए, क्योंकि यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। एफएमसीजी शेयर्स हमेशा से इन्वेस्टर्स की पसंद रहे हैं, जबकि लार्ज कैप शेयर्स निवेश रिस्क को कम करते हैं, वहीं मिडकैप और स्मॉल कैप शेयर्स में ग्रोथ की पूर्वानुमान ज्यादा होती है। इसके अलावा, यह जानना भी आवश्यक है कि किसी कंपनी के शेयर खरीदने का सही समय कैसे चुना जाए।

शेयर खरीदने के लिए, आपको इन सभी पहलुओं पर ध्यान देना होगा, ताकि आपकी सेविंग्स सही जगह पर लगें और आपको ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट हो सके। कंपनी का विश्लेषण करते समय, आपको उसकी फाइनेंशल स्ट्रेंथ, पिछले 3 से 5 साल का रिकॉर्ड, एप्स, पे रेशियो, बुक वैल्यू, और डिविडेंड की जानकारी को भी चेक करना चाहिए। इसके अलावा, कंपनी की बैलेंस शीट को पढ़ना भी महत्वपूर्ण है, ताकि आपको यह पता चले कि कंपनी वित्तीय रूप से मजबूत है या नहीं।

स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास कितने रुपए होने चाहिए

शेयर बाजार, यानी स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए कोई भी निर्धारित मानक नहीं है। यहां एक रुपए से भी शुरुआत की जा सकती है, ताकि आप इन्वेस्ट करने के लिए मिनिमम पैसे के साथ शुरुआत कर सकें। बस, आपको पैसा सही जगह लगाना होगा ताकि आपका हर एक रुपए आपको प्रॉफिट दे सके।

अब, ऑनलाइन शेयर खरीदने की बात करते हैं। अगर आप ऑनलाइन शेयर खरीदना चाहते हैं, तो एक अच्छा ब्रोकर चुनें, पैन कार्ड बनवाएं, डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट बनवाएं, और सेविंग अकाउंट बनाएं ताकि ब्रोकर के अकाउंट में मनी ट्रांसफर कर सकें। ब्रोकर को बताएं कि आप कौन से शेयर की प्राइस पर खरीदना चाहते हैं।

ऑनलाइन शेयर खरीदने के टाइम पर, ब्रोकर के सॉफ़्टवेयर की सही जानकारी रखें ताकि आप गलत ऑर्डर करने से बच सकें। इस प्रक्रिया को फॉलो करके आप ऑनलाइन शेयर खरीद सकते हैं। शेयर खरीदना ना तो ईजी टेस्ट है और ना ही बहुत टफ है। इसमें कितना प्रॉफिट होगा और कितनी बार आप चुक जाएंगे, यह सब कुछ आपकी रिसर्च, आपके इंटरेस्ट, और सही ब्रोकर के चयन पर निर्भर करेगा। लेकिन इसके साथ-साथ, यह भी जानना जरूरी है कि किसी कंपनी के शेयर खरीदने का सही समय कैसे चुना जाए।

Share Market में कदम रखते समय, आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसका मतलब है कि आप शेयर मार्केट से प्रॉफिट कमाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना होगा।

रूल नंबर 1 – जिस कंपनी के शेयर आप खरीदना चाहते हैं, उसकी गहराईयों में अच्छी तरह से डीप स्टडी करें।

रूल नंबर 2 – उस कंपनी के शेयर में निवेश करें जिसके बारे में आपको पूरी जानकारी हो।

रूल नंबर 3 – निवेश करते समय भेड़चाल की बजाय खुद की समझ का इस्तेमाल करें।

रूल नंबर 4 – Share Market में उच्च और नीचे की गतियों का सामना होता है, इसलिए रिस्क लेने के लिए तैयार रहें, लेकिन ध्यान रखें कि रिस्क सीमित ही हो।

रूल नंबर 5 – Share Market में शामिल होने के साथ ही पेशेवर बनने की कड़ी मेहनत करें।

रूल नंबर 6 – अपने पोर्टफोलियो में हर तरह के एसेट को समाहित करने के लिए देखें और पोर्टफोलियो को विस्तृत बनाएं।

रूल नंबर 7 – Share Market में निवेश करते समय एक्स्ट्रा फंड्स का सही तरीके से इस्तेमाल करें।

रूल नंबर 8 – Share Market के रिकॉर्ड्स पर नजर रखने के लिए लगातार अपडेट करें और नए विकल्पों की खोज करें।

 

Conclusion:

शेयर खरीदना एक बड़ा और जिम्मेदार निवेश होता है, जिसमें सही कंपनी के चयन, रिसर्च, और राजनीतिक घटकों का सही समझारा बहुत महत्वपूर्ण है। सुरक्षित और लाभकारी निवेश के लिए एक अच्छे ब्रोकर का चयन, पैन कार्ड, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट का होना अनिवार्य है। वित्तीय लक्ष्यों और ऋणात्मक स्थिति का मूल्यांकन करके ही सही निवेश निर्णय लेना चाहिए। अनुभवी सलाहकार से सहारा लेकर और सूचना प्राप्त करके ही शेयर बाजार में सक्षमता बढ़ाई जा सकती है।

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