How To Become A Judge? – भारत में जज कैसे बनें?

How To Become A Judge?,कई सारे लोगों का सपना होता है कि यह अच्छी पोजीशन की जॉब जैसे डॉक्टर इंजीनियर प्रोफेशनल वकील या न्यायाधीश आदि अच्छी पोजीशन की जॉब प्राप्त करना आसान नहीं है पर नामुमकिन भी नहीं है कई सारे लोग अच्छे प्रोफेशनल जब प्राप्त कर लेते हैं और कई सारे लोग असफल भी हो जाते हैं आज के प्रतियोगिता के जमाने में अच्छी जॉब पाना बहुत ही मुश्किल हो गया है एक से बढ़कर एक टैलेंटेड लोग प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं अब ऐसे में हमें सफल होने के लिए काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेंगी।

नमस्कार, तो आपका हमारे इस ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम आपको बताएंगे कि जज कैसे बनें। इसके बारे पूरी जानकारी जानकारी तो आप इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पड़ना धन्यवाद। 
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जज बनने के लिए एजुकेशन क्वालिफिकेशन क्या होनी चाहिए? (What is the education qualification required to become a judge?):

How to become a judge after 12th, देश में कानून की पढ़ाई के लिए एक समय में सिर्फ LLB यानी बैचलर आफ लॉ की पढ़ाई कराई जाती थी इसके बाद सीधा युवा अदालत में जाकर प्रैक्टिस का काम शुरू कर देते थे अनुभव और ज्ञान के साथ ऐसे युवाओं को धीरे-धीरे पद और समाज में प्रतिष्ठा हासिल होती थी लेकिन आज 12वीं की परीक्षा के बाद 5 वर्षीय डिग्री कोर्स में छात्रों को BA के साथ-साथ LLB की भी डिग्री दे दी जाती है इसे professional का भी दर्जा मिला हुआ है डिग्री हासिल करने के बाद छात्रों के लिए अदालत में प्रैक्टिस की राह तो है ही राज्य स्तर पर न्यायिक सेवा में भर्ती के लिए समय-समय पर परीक्षा भी आयोजित की जाती है यहां प्रॉसिक्यूटर जिसे सरकारी वकील कहां जाता है उसके रूप में काम करने का मौका है न्यायिक सेवा परीक्षा के जरिए राज्यों में जूनियर स्तर पर जज की भर्ती होती है 7 साल की प्रैक्टिस के बाद ज्यूडिशरी परीक्षा पास करके जिला स्तर पर जज बन सकते हैं 10 साल की प्रैक्टिस के बाद हाई कोर्ट में जज बनने का मौका मिलता है और दूसरा कहां है

How To Become A Judge? – रोजगार के अवसर (Employment Opportunities):

How To Become A Judge?, बाजार कारण और उदारीकरण की व्यवस्था लागू होने के बाद देश भर में बैंकिंग और फाइनेंस सेवा का विस्तार हुआ है देसी से लेकर विदेशी कंपनियां शहर से लेकर गांव तक व्यवसाय को बढ़ावा दे रही है इसके अलावा कॉरपोरेट जगत भी अपना पर पास रहा है ऐसी व्यवस्था में कॉमर्स और मैनेजमेंट के अलावा बड़े पैमाने पर कानून की छात्रा को भी नौकरी मुहिया कराई जा रही है कंपनियों और लीगल फॉर्म में बताओ अधिकारी या एडवाइजर के रूप में law के छात्रों को रखा जा रहा है नीजी या सरकारी बैंक सिर्फ मैनेजर अकाउंटिंग या क्लर्क ही नहीं अपने यहां लॉधिकारी भी नियुक्त कर रहा है इसी तरह टैक्सेशन से जुड़ी कंपनियां अपने यहां लो कि विशेषज्ञ को रख रही है को भी प्रबंधन के रूप में रखा जा रहा है नीजी कंपनियों और बैंकों के विस्तार में लॉ ग्रेजुएट को नौकरी के नए अवसर मुहैया कराए हैं।
इनसे हटकर मीडिया जगत में परंपरागत लेखक या पत्रकार के अलावा विधि संपादक या लेखक अपनी अलग जगह बना रही है बड़े-बड़े मीडिया संस्थान कानून से संबंधित खबरों को प्रकाशित करने में सावधानी बनाए रखने के लिए अपने यहां Law ग्रेजुएट को रिपोर्ट या लेखन के कम से जोड़ रहे हैं इनके अलावा और बहुत सारे ऐसे क्षेत्र हैं जहां कानून की जानकारी को रखा जा रहा है हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्टिंग के लिए भाषण अखबार हो या अंग्रेजी law ग्रेजुएट को काम पर रखाजा रहा है पत्र पत्रिकाओं मे लेखन के लिए भी विधि विश्यज्ञा जगह बना रहे हैं मैनेजमेंट स्कूल या लो विद्यालय या स्कूल या अध्यापन के लिए Law ग्रेजुएट को अवसर मुहैया कराया जा रहा है अध्यापन के लिए आमतौर पर LLM या PHD छात्ररो को कैरियर मुहैया कराया जा रहा है
इसकी पढ़ाई कैसे करें (How To Study It): 
how to become a judge in india after llb?, जहां तक बात स्किल की है इस विषय में आने या सफलता हासिल करने के लिए अच्छे खासे हुनर की भी जरूरत पड़ती है 3 साल की LLB की डिग्री होनी चाहिए इसके साथ ही कानून की धाराएं और उससे जुड़े मामले का सिद्धांतीक या व्यावहारिक ज्ञान होना जरूरी है इस तरह की जरूरत को देखते हुए ही देश में जगह-जगह Law स्कूल और यूनिवर्सिटी खुले गए हैं इनमें दाखिले के लिए अलग अलग टेस्ट देने के बजाय। कैट मेट कि तर्च पर 6 साल पहले क्लास शुरू किया गया है कॉमन Law एडमिशन टेस्ट यानी एक ही प्रवेश परीक्षा के जरिए आज 16 Law यूनिवर्सिटी में दाखिले का मौका मिल रहा है दाखिले की प्रक्रिया 1 जनवरी से जारी होती है फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 31 मार्च तक होती है प्रवेश परीक्षा 10 मई को होती है परीक्षा लेने की जिम्मेदारी इस बार राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ को सौंप गई है ।
इसके अलावा बहुत सारी विद्यालय अपने यहां प्लांट के जरिए पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स प्राइवेट कोर्स के जरिए 5 वर्ष एलएलबी में 12वीं पास छात्रों को आर्ट्स कॉमर्स या साइंस में 45 फीस की अंकों के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है जिस तरह 2 वर्षीय LLM में एलएलबी के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम अंक में 5 फीसदी की छूट है जो छात्र BA के बाद LLM करना चाहते हैं उन्हें स्नातक स्तर पर 50 फीसदी अंक के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
परीक्षा का पैटर्न कैसा होता है (How Is The Exam Pattern): 
 स्नातक स्तर के कोर्स में दाखिले के लिए 2 घंटे का पेपर होगा यह वस्तुनिष्ठ उत्तरों पर आधारित है जिनमें अंग्रेजी गणित सामान्य ज्ञान लीगल एप्टीट्यूड और रिजनिंग से सवाल पूछे जाते हैं
कैरियर अवसर व सैलरी (Career opportunities and salary): 
जिला अदालत से लेकरउच्च उच्चतम न्यायालय में काम करने के लिए काफी स्पेस है विदेशी और विदेशी पत्र पत्रिकाओं और चैनलों में विधि के जानकारी को संवाददाता या रिपोर्टर के रूप में रखा जा रहा है Banking सेवा वित्य विभाग और अन्य कंपनियों में कानूनी पहलू को समझने और सुलझाने के लिए Law ग्रेजुएट रखे जा रहे हैं जिला में काम करने का अवसर है सरकारी वकील के लिए परीक्षा पास करके करियर की राह चुनी जा सकती है लीगल फॉर्म या निजी कंपनियों में एडवाइजर के रूप में कम कर सकते हैं वकील का वेतनमान आमतौर पर उसके कम से जुड़ा है लेकिन न्यायिक सेवा में आने पर शुरुआती स्तर पर वेतनमान 40-45 हजार रुपये है।
यह आगे चलकर वरिष्ठता के क्रम से बढ़ता जाता है। अध्यापन के क्षेत्र में आने पर 55 हजार रुपये प्रतिमाह वेतनमान है। बैंक या किसी फर्म में लॉ अधिकारी बनने पर वेतनमान करीब 45 हजार है। हालांकि कंपनियां अपनी हैसियत के मुताबिक प्रबंधकों की तरह विधि विशेषज्ञों को लाख से ऊपर की सैलरी पर भी रखती हैं। निजी प्रैक्टिस के रूप में लाखों रूपये कमाए जा सकते हैं ।
कोर्स करने वाले प्रमुख संस्थान (Major Institutes offering the course):
  • एनएलएसआईयू
  • बेंग्लुरू जालसार
  • हैदराबाद एलएलआइयू भोपाल डब्लूबीएनयूजेएस
  • कोलकाता एनएलयू
  • जोधपुर एचएनपत्रयू
  • रायपुर जोएनएलयू
  • गांधीनगर आरएमएलएनएलयू
  • लखनऊ आरजीएनयूएल
  • पटियाला सोएनएलयू
  • पटना एनयूएएलएस
  • कोची एनएलयू
  • उडीशा एनयूएस
  • आरएल रांची एनएलयूजेए
  • गुवाहाटी डीएसएनएलयू
  • विशाखापट्टनम टीएनएनएलएस
  • तिरुचिरापल्ली

 

Conclusion:

याद रखें कि न्यायाधीश बनने के लिए विशिष्ट आवश्यकताएँ और प्रक्रियाएँ क्षेत्राधिकार और न्यायालय स्तर के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। अपने विशिष्ट क्षेत्र में आवश्यकताओं और प्रक्रियाओं पर शोध करना और कानूनी पेशेवरों या न्यायिक संगठनों से मार्गदर्शन लेना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, कानूनी समुदाय में नेटवर्किंग और कनेक्शन बनाना एक न्यायाधीश के रूप में करियर बनाने में सहायक हो सकता है।

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