super computer kya hai

super computer kya hai, आजकल हम information technology के युग में जी रहे हैं, जिसमें कंप्यूटर का महत्वपूर्ण स्थान है। इस युग में हमारे कामों को संचालित करने, जानकारी प्राप्त करने, और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए हम कंप्यूटर का सहारा लेते हैं।

कंप्यूटर को सामान्यत: साधारण  कंप्यूटर कहा जाता है, जिससे हम रोजमर्रा के कार्यों को सरलता से कर सकते हैं। इसमें छोटे-मोटे कार्यों को संपादित करना, power point बनाना, text typed करना, गेम खेलना, और चित्र देखना शामिल हैं।

इसके अलावा, एक और श्रेणी का कंप्यूटर है, जिसे ‘super computer’ कहा जाता है, जो विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सुपर कंप्यूटर आम कंप्यूटर की तुलना में बड़ी-बड़ी कैलकुलेशन को अनुकरण करने में सक्षम है और विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग होता है, जैसे कि मौसम पूर्वानुमान और विज्ञानिक अनुसंधान।

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सुपर कंप्यूटर सामान्यत: तेज़ी से काम करने में सक्षम होता है और बड़ी मात्रा में डेटा प्रोसेस करने में समर्थ है। इसका उपयोग उच्च-स्तरीय गणना, मॉडेलिंग, और विज्ञानिक अनुसंधान में किया जाता है।

सुपर कंप्यूटर का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि उच्च-स्तरीय गणना, मॉडेलिंग, और विज्ञानिक अनुसंधान। इसका उपयोग मौसम पूर्वानुमान, जलवायु मॉडेलिंग, और विभिन्न वैज्ञानिक प्रोजेक्ट्स में होता है।

इस प्रकार, कंप्यूटरों का उपयोग हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं में हो रहा है और सुपर कंप्यूटर जैसे उन्नततम विकल्पों से हमारे तकनीकी समृद्धि को बढ़ावा दे रहा है।

Super Computer क्या होता हैं?

कंप्यूटर एक सामान्य उद्देश्य से काम करने वाली मशीन है जो इनपुट डिवाइसेज़ जैसे कीबोर्ड और माउस के माध्यम से यूजर से डेटा लेती है। फिर इस डेटा को प्रोसेस करती है और उपयोगकर्ता को आउटपुट प्रदान करती है। सामान्य कंप्यूटर एक ही समय में एक ही काम करता है, जिसे सीरियल प्रोसेसिंग कहा जाता है, जबकि सुपर कंप्यूटर पैरेलल प्रोसेसिंग का उपयोग करता है और एक ही समय में बड़े और शक्तिशाली कैलकुलेशन को पूरा करने में सक्षम है।

सुपर कंप्यूटर, हिंदी में ‘महासंगणक’ कहलाता है, और यह वहां पर इस्तेमाल होता है जहां बहुत ज्यादा पावर और तेज गति के साथ वास्तविक कैलकुलेशन की आवश्यकता होती है। सुपर कंप्यूटर कई प्रोसेसर्स का उपयोग करता है, जो पैरेलल प्रोसेसिंग के आधार पर काम करते हैं। इसमें कंप्यूटर एक कार्य को छोटे-छोटे भागों में विभाजित करता है और उन भागों को एक ही समय में एक साथ तेज गति से पूरा करता है। इससे यह संभव होता है कि कई कार्यों को एक साथ समाप्त किया जा सके।

सुपर कंप्यूटर विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि विज्ञान, गणना, और मॉडेलिंग में उपयोग होता है, जहां बड़े और जटिल कार्यों का समाधान किया जाता है। इसका उपयोग मौसम पूर्वानुमान, जलवायु मॉडेलिंग, और विभिन्न वैज्ञानिक प्रोजेक्ट्स में होता है जो बहुत ज्यादा संगणना की आवश्यकता करते हैं।

सुपर कंप्यूटर, या महासंगणक, एक बहुत शक्तिशाली और तेज गति वाली मशीन है जो एक अरब फ्लोटिंग पॉइंट ऑपरेशन प्रति सेकंड (FLOPS) की गति से कैलकुलेशन कर सकता है, जबकि साधारित कंप्यूटर इंस्ट्रक्शंस प्रति सेकंड (IPS) पर काम करता है। सुपर कंप्यूटर अधिकांशतः विज्ञानिक और गणित क्षेत्रों में बड़े और जटिल कार्यों के लिए उपयोग होता है।

जब सुपर कंप्यूटरों की शुरुआत हुई थी, तो इन्हें यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर कार्य कराया जाता था, लेकिन समय के साथ और टेक्नोलॉजी में बदलाव के साथ अधिकांश नए सुपर कंप्यूटर लाइनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, कंपनियाँ अपनी आवश्यकताओं के आधार पर ऑपरेटिंग सिस्टम को बदल सकती हैं और कई सुपर कंप्यूटरों में सैंटोस स्क और फ्री लाइनेक्स जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम भी इस्तेमाल होते हैं।

सुपर कंप्यूटर की कीमत उसकी गति और क्षमता पर निर्भर करती है, जिससे इसका मूल्य $2 लाख से लेकर 100 मिलियन डॉलर तक हो सकता है। इसका साइज भी बहुत बड़ा होता है और इसमें हजारों प्रोसेसर्स होते हैं जो पैरेलल प्रोसेसिंग की शक्ति को बढ़ाते हैं। सुपर कंप्यूटरों का उपयोग विज्ञान, गणित, मॉडेलिंग, और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में बड़े डेटा और जटिल सिमुलेशन के लिए किया जाता है, जहां इन्हें उच्च गति और सुपराक्षमता की आवश्यकता होती है।

सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल कहां किया जाता है?

सुपर कंप्यूटरों का उपयोग विशेष रूप से उन क्षेत्रों में किया जाता है जहां बड़े पैमाने पर कैलकुलेशन करने की आवश्यकता होती है, खासकर साइंटिफिक और इंजीनियरिंग एप्लीकेशंस के लिए। ये कंप्यूटर बड़े डेटाबेस को हैंडल करने की क्षमता रखते हैं और बड़ी मात्रा में कॉम्प्यूटेशनल कॉम्पटिटिवन कर सकते हैं। सुपर कंप्यूटरें तेज, शक्तिशाली, और महंगे होते हैं, इसलिए इन्हें विशेषतः उन क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाता है जहां बहुत बड़े और तेजी से कैलकुलेशन की आवश्यकता होती है।

इनका उपयोग इतिहासिक रूप से मौसम की भविष्यवाणी, जिसे वेदर फोरकास्टिंग कहा जाता है, जलवायु अनुसंधान (क्लाइमेट रिसर्च), परमाणु अस्त्रों के सिमुलेशन, मैथमेटिकल मॉडलिंग, और अन्य विज्ञानिक और गणितीय क्षेत्रों में किया जाता है। इसके साथ ही, सुपर कंप्यूटरें विशेष ऑपरेशन्स और जटिल सिमुलेशन्स के लिए भी उपयोगी हैं। इसका मुख्य उद्देश्य इतने बड़े और कठिन कार्यों को समर्थन करना है जो साधारित कंप्यूटरों के लिए असम्भव होते हैं।

 

Super Computer कब और किसने बनाया?

पहला सुपरकंप्यूटर “Cray-1” वर्ष 1976 में बनाया गया था और इसे क्रेय रिसर्च कंपनी के उसके संस्थापक सेयमोर क्रेय ने डिज़ाइन किया था। यह सुपरकंप्यूटर तब के लिए बहुत ही उन्नत था और उस समय के लिए अद्वितीय था। Cray-1 का उपयोग विज्ञानिक और अनुसंधान क्षेत्रों में गणना के लिए किया जाता था।

तब से लेकर, कई अन्य कंपनियों और अनुसंधान संगठनों ने भी सुपरकंप्यूटर विकसित किए हैं, और इस क्षेत्र में तकनीकी प्रगति हुई है। IBM, Cray, Fujitsu, NVIDIA, Intel, और अन्य कंपनियाँ ने अपने अलग-अलग दौरों में उन्नत सुपरकंप्यूटर बनाए हैं, जो अब भी विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग हो रहे हैं।

आज, सुपरकंप्यूटर विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि विज्ञान, अंतरिक्ष अनुसंधान, मॉडलिंग और सिमुलेशन, लार्ज-स्केल डेटा एनालिटिक्स, और इतने और उद्देश्यों के लिए उपयोग हो रहे हैं।

Super Computer Features क्या है?

सुपरकंप्यूटर वह अत्यंत शक्तिशाली कंप्यूटिंग मशीनें हैं जो विस्तृत गणना और विशाल माप की समस्याओं का समाधान करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। इनका उपयोग मौसम पूर्वानुमान, जलवायु मॉडलिंग, वैज्ञानिक सिमुलेशन, परमाणु अनुसंधान, और अन्य गहन कंप्यूटेशनल कार्यों के लिए किया जाता है।

  1. उच्च प्रसंस्करण शक्ति (High Processing Power): सुपरकंप्यूटर की विशेषता इनकी अत्यंत उच्च प्रोसेसिंग शक्ति में है, जो फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशंस प्रति सेकंड (FLOPS) या टेराफ्लॉप (ट्रिलियन FLOPS) में मापी जाती है। वे एक साथ बड़ी संख्या में गणनाएँ संभाल सकते हैं, जिससे उन्हें जटिल सिमुलेशन और डेटा विश्लेषण के लिए उपयुक्त बनाता है।
  2. समानांतर प्रसंस्करण (Parallel Processing): सुपरकंप्यूटर समानांतर प्रसंस्करण में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं, जहां कई प्रोसेसर एक साथ एक समस्या को हल करने के लिए एक साथ काम करते हैं। वे कार्यों को छोटे उप-कार्यों में विभाजित करने और उन्हें एक साथ संसाधित करने के लिए उन्नत समानांतर आर्किटेक्चर का उपयोग करते हैं, जिससे तेज़ गणनाएँ सक्षम होती हैं।
  3. बड़े पैमाने की मेमोरी (Large-Scale Memory): बड़ी मात्रा में डेटा को तुरंत संभालने के लिए सुपर कंप्यूटर में बड़ी और उच्च गति वाली मेमोरी (RAM) होती है। यह बड़े डेटासेट को संसाधित करने और मेमोरी-गहन गणना करने में मदद करता है।
  4. अत्यधिक विशिष्ट हार्डवेयर (Highly Specialized Hardware): सुपर कंप्यूटर अक्सर विशेष प्रोसेसर, एक्सेलेरेटर (जैसे GPU or TPU) और विशिष्ट प्रकार की गणनाओं के लिए अनुकूलित कस्टम-डिज़ाइन किए गए घटकों का उपयोग करते हैं। विशिष्ट हार्डवेयर विशेष अनुप्रयोगों के लिए प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार कर सकता है।
  5. विशाल भंडारण क्षमता (Massive Storage Capacity): सुपरकंप्यूटर को गणना के दौरान उत्पन्न भारी मात्रा में डेटा को संग्रहीत करने और पुनर्प्राप्त करने के लिए बड़े भंडारण प्रणालियों की आवश्यकता होती है। इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तेज़ डिस्क सरणियों और समानांतर फ़ाइल सिस्टम सहित उच्च-प्रदर्शन भंडारण समाधानों को नियोजित किया जाता है।
  6. हाई-स्पीड इंटरकनेक्ट (High-Speed Interconnects): सुपरकंप्यूटर प्रोसेसर और नोड्स के बीच संचार की सुविधा के लिए high-speed interconnect पर भरोसा करते हैं। तेज़ इंटरकनेक्ट विलंबता को कम करते हैं और सिस्टम के विभिन्न घटकों के बीच कुशल डेटा विनिमय को सक्षम करते हैं।
  7. विश्वसनीयता और अतिरेक (Reliability and Redundancy): supercomputer hardware विफलताओं के जोखिम को कम करने के लिए अनावश्यक घटकों के साथ उच्च विश्वसनीयता के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। निरंतर संचालन सुनिश्चित करने के लिए विफलता तंत्र और त्रुटि-सुधार तकनीकें लागू की जाती हैं।
  8. शीतलन प्रणाली (Cooling Systems): सुपर कंप्यूटर तीव्र कम्प्यूटेशनल गतिविधि के कारण महत्वपूर्ण मात्रा में गर्मी उत्पन्न करते हैं। अधिक गर्मी को रोकने के लिए उन्नत शीतलन प्रणाली, जैसे कि तरल शीतलन या विशेष वायु-शीतलन समाधान, का उपयोग किया जाता है।
  9. उच्च ऊर्जा खपत (High Energy Consumption): सुपर कंप्यूटर को अपनी विशाल प्रसंस्करण क्षमताओं के कारण आमतौर पर उच्च बिजली की आवश्यकता होती है। इससे ऊर्जा की खपत बढ़ जाती है और नए डिजाइनों में ऊर्जा दक्षता में सुधार के प्रयास किए जाते हैं।
  10. वितरित अभिकलन (Distributed Computing): कुछ सुपर कंप्यूटरों को आपस में जुड़े कंप्यूटरों के क्लस्टर के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो एक वितरित कंप्यूटिंग वातावरण बनाते हैं। यह विभिन्न प्रकार के कार्यभार को संभालने में मापनीयता और लचीलेपन की अनुमति देता है।
  11. सुरक्षा उपाय (Security Measures): संवेदनशील डेटा की सुरक्षा और अनधिकृत पहुंच को रोकने के लिए सुपर कंप्यूटर अक्सर उन्नत सुरक्षा उपायों को शामिल करते हैं।

सुपर कंप्यूटर वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाने, सिमुलेशन आयोजित करने और जटिल समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो पारंपरिक कंप्यूटिंग सिस्टम के साथ अव्यावहारिक या असंभव होंगे।

सुपर कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?

  • Cluster Computer (क्लस्टर कंप्यूटर): क्लस्टर कंप्यूटर एक प्रकार का सुपरकंप्यूटर है, जिसका निर्माण कई कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर किया जाता है। यह कंप्यूटर एक समस्या को हल करने के लिए जुड़े हुए सभी कंप्यूटरों का समाहित उपयोग करता है। इसमें कंप्यूटरों को आपस में जोड़ने के लिए विभिन्न प्रकारों का क्लस्टर उपयोग किया जाता है, जैसे कि दो-नोड क्लस्टर, मल्टी-नोड क्लस्टर, निदेशक-आधारित क्लस्टर और समांतर क्लस्टर।
  • Vector Processor (वेक्टर प्रोसेसर): वेक्टर प्रोसेसर एक प्रकार का सुपरकंप्यूटर है जिसका उपयोग vector processing के लिए किया जाता है। यह कंप्यूटर पूरी तरह से वेक्टर पर निर्भर होता है। vector processing में, इसके प्रोसेसर एक समय पर कई डेटा आइटम्स को समर्थन करने के लिए तैयार होते हैं, जिससे गणना में वृद्धि होती है और गहन वैज्ञानिक और गणना कार्यों को तेजी से पूरा किया जा सकता है। यह विशेषकर विज्ञान, गणित, और इंजीनियरिंग में उपयोग होता है जहां बड़े और जटिल गणनाओं को कुशलता से प्रसंस्करण करना आवश्यक होता है।
  • Special-purpose computer (विशेष उद्देश्य के कंप्यूटर): स्पेशल पर्पज कंप्यूटरें ऐसे उनिक और विशिष्ट कार्यों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं जिनमें वे कार्य करने में अद्वितीय होते हैं और इस्तेमाल करने के लिए उन्हें विशेषता मिलती है। इन कंप्यूटरों का निर्माण विशेष उद्देश्यों के लिए किया जाता है और उन्हें सीमित क्षेत्रों में ही कार्य करने के लिए तैयार किया जाता है। उदाहरण के रूप में, IBM का Deep Blue एक सुपरकंप्यूटर है जिसे केवल शतरंज खेलने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य शतरंज खेल में मानवों को परास्त करना था, और इसलिए इसमें ऐसी शक्तियां और क्षमताएं शामिल की गईं थीं जो शतरंज खेल में उत्कृष्टता को प्राप्त करने में मदद कर सकती थीं। हालांकि, इसे अन्य क्षेत्रों में कार्य करने के लिए विकसित नहीं किया गया था।
  • Commodity supercomputer (कमोडिटी सुपरकंप्यूटर): यह एक कमोडिटी सुपरकंप्यूटर है, जिसमें लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) से जुड़े कंप्यूटर होते हैं। इसका उपयोग एक समानांतर कंप्यूटिंग (parallel computing) प्रणाली के माध्यम से किया जाता है, जिससे वह विशेष कार्यों को पूरा करने के लिए समान कार्यों को एक साथ समाप्त कर सकता है। यह विशेषता उन क्षेत्रों के लिए है जहां बड़े और जटिल कंप्यूटेशनल कार्यों को तेजी से पूरा करने की आवश्यकता होती है, और जहां एक साथ कई कंप्यूटरों की जरूरत होती है। यह कमोडिटी सुपरकंप्यूटर अपने उच्च-स्तरीय कंप्यूटेशनल संभावनाओं के साथ एक समृद्धि से लोकल एरिया नेटवर्क के माध्यम से जुड़े कंप्यूटरों के साथ सहयोग करता है, जिससे किसी भी क्षेत्र में उच्च स्तर की प्रदर्शन क्षमता प्रदान कर सकता है। इस प्रकार के कंप्यूटरों का उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान, अद्भुत संग्रहण, और अन्य उच्च स्तर के कंप्यूटेशनल कार्यों के लिए किया जा सकता है।
  • Virtual supercomputers (वर्चुअल सुपरकंप्यूटर): वर्चुअल सुपरकंप्यूटर एक उपयोगकर्ता को एक उन्नत कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है, जिससे उपयोगकर्ता कार्यों को उच्च गति और प्रदर्शन स्तर पर तेजी से पूरा कर सकता है।

Conclusion:

सुपरकंप्यूटर एक शक्तिशाली और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटर है जो विशेष और जटिल कंप्यूटेशनल कार्यों को तेजी से पूरा करने की क्षमता रखता है। इसका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान, मॉडलिंग और सिमुलेशन, मौद्रिक विश्लेषण, लार्ज स्केल डेटा प्रोसेसिंग, और अन्य क्षेत्रों में किया जाता है जहां बड़ी मात्रा में डेटा और उच्च स्तर की कंप्यूटेशनल मानदंड की आवश्यकता है। इनमें कई प्रोसेसिंग इकाइयां होती हैं जो एक समानांतर प्रणाली का उपयोग करती हैं ताकि वे बड़े और जटिल कार्यों को समाप्त कर सकें। सुपरकंप्यूटर आधुनिक तकनीकी उन्नति का प्रतीक है और विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करता है।

F&Q:

सुपर कंप्यूटर से आप क्या समझते हैं?

वर्तमान में उपलब्ध कंप्यूटरों में, सुपर कंप्यूटर सबसे उच्च गति, क्षमता, और स्मृति क्षमता के साथ सबसे प्रबल कंप्यूटरों में से एक है। आधुनिक परिभाषा के अनुसार, वे कंप्यूटर, जो 500 मेगाफ्लॉप की क्षमता से अधिक कार्य कर सकते हैं, सुपर कंप्यूटर कहलाते हैं। सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता है, जिससे इसे अत्यंत तेज और उच्च दक्षता वाला बनाता है।

सुपर कम्प्यूटर की गति कितनी होती है?

ऐरावत वर्तमान में दुनिया के सबसे तेज 500 सुपर कंप्यूटरों की सूची में 75वें स्थान पर है। इसकी गति 13.17 पेटाफ्लॉप्स प्रति सेकंड है, जहां एक पेटाफ्लॉप 1,000 ट्रिलियन फ्लॉप्स के समान होते हैं।

 

सुपर कंप्यूटर के उपयोग क्या हैं?

सुपर कंप्यूटरों का मुख्य उपयोग पहले से ही परमाणु हथियार डिजाइन और क्रिप्टोग्राफी सहित राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अनुप्रयोगों में किया जाता था। हालांकि, आजकल इनका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ गया है और वे एयरोस्पेस, पेट्रोलियम, और ऑटोमोटिव उद्योगों में भी नियमित रूप से कार्यरत हैं।

सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर कौन है?

फुगाकू सुपरकंप्यूटर को जापान के कम्प्यूटेशनल विज्ञान केंद्र में स्थापित किया गया है। इस सुपरकंप्यूटर में 7,630,848 कोर हैं, जिसने इसे 442 पीफ्लॉप्स प्रति सेकंड का एचपीएल बेंचमार्क स्कोर हासिल करने की क्षमता प्रदान करता है।

 

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